(मंगल ग्रह के लिए) : मूँगा मंगल ग्रह का रत्न है। मूँगा को अंग्रेज़ी में 'कोरल' कहा जाता है। यह रत्न मंगल को बल प्रदान करने के लिए पहना जाता है।
मूंगा गहरे लाल से लेकर सिंदूर वर्ण, गुलाबी, सफ़ेद और कृष्ण वर्ण, हल्के लाल तथा सफेद रंग तक कई रगों में पाया जाता है किन्तु मंगल ग्रह को बल प्रदान करने के लिए गहरा लाल अथवा हल्का लाल मूंगा ही पहनना चाहिए। मूँगा का प्राप्ति स्थान समुद्र है। वास्तव में मूँगा एक किस्म की समुद्री जड़ है और मूँगा समुद्री जीवों के कठोर कंकालों से निर्मित एक प्रकार का निक्षेप है।
मूँगा का दूसरा नाम प्रवाल भी है। इसे संस्कृत में विद्रुम और फ़ारसी में मरजां कहते हैं। धारक के लिए शुभ होने पर यह उसे शारीरिक तथा मानसिक बल, अच्छे दोस्त, धन तथा अन्य बहुत कुछ प्रदान कर सकता है।
इस रत्न को आमतौर पर दायें हाथ की कनिष्का अथवा तर्जनी उंगली में मंगलवार को सुबह स्नान करने के बाद पहना जाता है। न्यूनतम वजन: अलग-अलग आयु वर्ग के अनुसार अलग-अलग वजन (रत्ती में) की सिफारिश की जाती है