(केतु ग्रह के लिए) : लहसुनिया केतु ग्रह का रत्न है।
यह रत्न केतु महाराज को बल प्रदान करने के लिए पहना जाता है। लहसुनिया रत्न में बिल्लीम की आँख की तरह का सूत होता है।
इसमें पीलापन, स्याही या सफ़ेदी रंग की झाईं भी होती है। लहसुनिया रत्न को वैदूर्य भी कहा जाता है। धारक के लिए शुभ होने पर यह उसे व्यसायिक सफलता, आध्यातम प्रदान करता है। न्यूनतम वजन: अलग-अलग आयु वर्ग के अनुसार अलग-अलग वजन (रत्ती में) की सिफारिश की जाती है