नवग्रहों से जुड़ी लकड़ियों का यह ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर ज्योतिष और तंत्र में। प्रत्येक ग्रह की लकड़ी विशेष गुण और प्रभाव रखती है। यहाँ उनकी जानकारी संक्षेप में दी गई है:
सूर्य (अर्क / मदार की लकड़ी): सूर्य के लिए यह लकड़ी समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक मानी जाती है। यह आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करती है।
चंद्रमा (पलाश की लकड़ी): चंद्रमा की लकड़ी मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन लाने में सहायक होती है। यह संतान सुख के लिए भी लाभकारी है।
मंगल (खैर / खदिर की लकड़ी): यह लकड़ी साहस और शक्ति का प्रतीक है। मंगल की ऊर्जा से व्यक्ति में निडरता और आत्मरक्षा की भावना जागृत होती है।
बुध (अपामार्ग / लटजीरा की लकड़ी): बुध की लकड़ी बुद्धिमत्ता और संचार कौशल को बढ़ाती है। यह अध्ययन और व्यवसाय में सफलता के लिए उपयोगी है।
गुरु (पीपल की लकड़ी): गुरु की लकड़ी ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक है। यह व्यक्ति को धर्म और नैतिकता की ओर प्रेरित करती है।
शुक्र (औदंबर / गूलर की लकड़ी): शुक्र की लकड़ी प्रेम, संबंध और भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि करती है।
शनि (शमी की लकड़ी): यह लकड़ी कर्म और न्याय का प्रतीक है। शनि के प्रभाव से व्यक्ति में धैर्य और अनुशासन विकसित होता है।
राहु (दुर्वा की लकड़ी): राहु की लकड़ी रहस्यमयता और परिवर्तन का प्रतीक है। यह व्यक्ति को अनजान अवसरों की ओर अग्रसर करती है।
केतु (कुशा की लकड़ी): केतु की लकड़ी आध्यात्मिकता और ध्यान में सहायता करती है। यह व्यक्ति को अंतर्ज्ञान और आत्मज्ञान की ओर ले जाती है।
इन लकड़ियों का उपयोग तंत्र-मंत्र में या पूजा-पाठ में विशेष महत्व रखता है।
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